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Thursday, 15 December 2011

पेंटावलेंट वैक्सीन की लॉन्चिंग पर यूनिसेफ का मीडिया इंगेजमेंट प्रोग्राम

  
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 14 दिसंबर से तमिलनाडु और केरल में पेंटावेलेंट वैक्सीन को रूटीन टीकाकरण का हिस्सा बनाने जा रहा है। इसी को मद्देनजर रखते हुए युनिसेफ ने हाल ही में केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में एक मीडिया इंगेजमेंट प्रोग्राम आयोजित किया। उत्तर और दक्षिण भारत के कई शहरों से जुटे पत्रकारों ने इस प्रोग्राम में इस बात पर चर्चा की कि मीडिया को इस तरह के प्रयासों का कवरेज किस तरह करना चाहिए
इंगेजमेंट प्रोग्राम में लगभग सभी मीडियाकर्मियों ने यह सवाल उठाया कि ऐसी डेवेलपमेंट स्टोरीज आमतौर पर शुरुआती स्तर पर तो प्रकाशित कर दी जाती है, लेकिन उसके बाद उनमें होने वाला क्रमिक विकास कभी भी न्यूज का हिस्सा नहीं बन पाता है. केरल के प्रिसिंपल हेल्थ सेक्रेट्री राजीव सदानंद ने मीडिया से पूछे एक सवाल में बताया कि आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों जैसे टीकाकरण की नकारात्मक खबरें ही मीडिया दिखाता है और इसके सकारात्मक पहलुओं को नजरअंदाज कर देता है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि पॆटावलेंट के एक डोज का खर्च तकरीबन डाई हजार रुपये आता है रुटीन टीकाकरण में शामिल हो जाने के बाद यह डोज बच्चों को फ्री दी जा सकेगी, मीडिया को चाहिए कि वह इस कदम का सकारात्मक स्तर पर प्रचार करे।
दिल्ली से इंगेजमेंट प्रोग्राम में शामिल हो रहे वरिष्ट पत्रकार और यूएनआई उर्दू सर्विस से जुड़े आलमगीर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ऐसा नहीं कि मीडिया इन खबरों को नजरअंदाज करता है, लेकिन जहां कहीं भी इन कार्यक्रमों से जुड़ी नकारात्मक खबरें आती हैं उन पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना मीडिया का धर्म है. उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो टीकाकरण के दौरान कई बार ऐसी खबरें आई कि वैक्सीन देने के बाद कोई अनहोनी हुई मीडिया ने उस मुद्दे पर सरकार का ध्यान खींचा और गलतियां सुधारी गईं।
टाइम्स ऑफ इंडिया से जुड़े तिरुअनंतपुरम के स्थानीय संवाददाता ने सवाल उठाया कि जब यह वैक्सीन श्रीलंका नेपाल और भूटान में कुछ नकारात्मक परिणाम मिलने के बाद बंद कर दी गई तो भारत में इसकी शुरुआत क्यों की जा रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गानाइजेशन के सलाहकार और युनिसेफ से जुड़े डॉ सतीश गुप्ता ने बताया कि यह बात सही है कि शुरुआती दौर में इन देशों में इस वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट दिखे थे, लेकिन बाद में अध्ययन के बाद पाया गया कि यह साइड इफेक्ट वैक्सीन के कारण नहीं थे। ऐसे में दोबारा वहां पर भी वैक्सीनेशन शुरु कर दिया गया है।
अंत में मीडिया की तरफ से बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार और ग्लोबल गवर्नेंस न्यूज के संपादक कुमार ने राकेश ने कहा कि ऐसे किसी भी प्रोग्राम की कवरेज भर करना हमारी जिम्मेदारी नहीं है, हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस शुरुआत को अंजाम तक ले जाने में अपनी कलम का सही इस्तेमाल करें।
इस मीडिया इंगेजमेंट प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए तिरुअनंतपुरम के स्थानीय मीडिया के अलावा दिल्ली से आउटलुक हिंदी की मनीषा भल्ला, यूएनआई उर्दू सर्विस के आलमगीर, द वीक से गुंजन, हिंदुस्तान हेल्थ संवाददाता निशी भाट, नवभारत टाइम्स की नीतू सिंह, प्रभात खबर से संतोष सिंह पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार राकेश सिन्हा और कुमार राकेश शरीक हुए।

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